कोई भी औद्योगिक संस्थापन, चाहे वह सरकारी हो या निजी, इसकी मदद के लिये अर्जी दे सकता है।
3.
परन्तु एक बार इस बल को जब औद्योगिक संस्थापन में लगाया जायेगा तब यह पूरी तरह से संस्थापन के नियंत्रण में रहेगा।
4.
अगर आम नागरिकों को किसी औद्योगिक संस्थापन के खिलाफ़ मामला दर्ज करना हो, तो वे ऐसा नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें पहले उस औद्योगिक इकाई की सुरक्षा व्यवस्था को पार करना पड़ता है!
5.
इसके कर्मियों के पास राज्य सरकार के पुलिस कर्मियों से भी ज्यादा अधिकार होंगे, और वह भी पूरी तरह औद्योगिक संस्थापन के नियंत्रण में! इस बल के कर्मियों को, अपने कर्तव्य पालन में प्रतिरक्षा दी जायेगी और इस बल के सदस्यों के खिलाफ, बिना राज्य सरकार की अनुमति के, कोई भी न्यायालय जुर्म का संज्ञान नहीं ले सकता है!